एक अंधभक्त।
.
. आदरणीय मोदी जी,
बड़े छुपते छुपाते ये पत्र लिखा, सार्वजनिक
ना होजाए। अब तो बाहर क्या घर के बरामदे
में भी खड़े होते शर्म आती है, ऐसा लगता है
हर राह चलती निगाह मुझे खिल्ली भरे
अंदाज में घूरती है, आखिर आपका अंधभक्त हूँ। रात रात भर जाग के आपके पेजों के
प्रयोजित पोस्ट बिना रुके किये,
स्वामी जैसे अमिरीकी दलाल के पोस्ट
चलाये, सिर्फ इसलिए की वो आपके
समर्थन में है। यसोदा जी के मामले में
आपकी हरकत घटिया लगी फिर भी आपको बोद्ध कहा। विरोधियों के
पोस्ट्स में घुस गया, सबकी माँ बहन की,
अपने निजी मित्रों तक से सम्बन्ध
बिगाड़े। आपके कहने पर एंटोनी जैसे नेक
इमानदार लोगों को पाकिस्तान एजेंट
सा प्रचारित किया, मैं तो समझा अब दुश्मन देश तो नक़्शे से ही मिट जायेंगे।
मंदिर पर आपकी शौचालय वाली बात से
दिल मसोस कर पहले ही रह गया, आपने
समझाया 370 ही दुखों की जड़ है,
कैसा कैसा गरियाया था सही बताने
वालों को अब आपने ही उसे सही कह दिया। महंगाई भी सहन कर गया, रेल
किराया वृद्धि को जस्टिफाई किया,
आपने रेल,रक्षा,बीमा सब बेच दिया पर मैंने
उसे विकास ही प्रचारित किया। पर
आपने शरीफ को गले लगाया तो हैरत में रह
गया।आपने साडी की बात को ट्विट कर ख़ुशी जाहिर की तो दिल पर सांप तो बहुत
लौटे, की क्या मैं ही बेवकूफ था ? पर
कभी जग जाहिर नहीं किया। पर अब
तो सहन करना असंभव हो गया। जिस
अमेरिका ने आपको 12 साल दुत्कारा उसके
1 बुलावे पर ही आप "जी साहब आया" अंदाज में तैयार हो गए, मैं
तो आपको स्वाभिमानी शेर समझा था। अब
लोग खिल्ली उड़ाते हैं रोज सैनिक शहीद
होते हैं पर आप तो मोन जैसे निंदा से
भी कतराते हैं, उधर आप चाइना से गले मिले,
इधर चीनी सैनिक देश में घुस गए। अरे आपकी उस दहाड़ को क्या हुआ ? फिर
समझाता हूँ दिल को की इसमे भी कोई राज
होगा। पर विरोधियों को क्या मुहं
दिखाऊ? मै अच्छा फंसा। हालांकि मै समझ
गया की वो बाहें चढ़ा चढ़ा,
वो उंगली दिखा दिखा आपने हम भक्तों को ही नहीं, पुरे देश को खुले आम
कहकर बेवकूफ बनाया है उसमे भी कुछ देश
का भला ही होगा। पर आप अपने भक्त
को कमजोर मत हुआ समझना। आज
भी उम्मीद जिन्दा है की जैसे आपने पूरे देश
को बेवकूफ बनाया वैसे अमेरिका, चाइना, पाकिस्तान सबको उल्लू बना दोगे और
भारत एक दिन जरूर विश्व गुरु होगा। ये
भी जानता हूँ की आप फिर दहाड़ोगे अगले
चुनाव में और सबकी बोलती बंद कर दोगे।
पर मेरी इज्जत के लिए एक बार
नकली ही दहाड़ दो आगले चुनावों से पहले, तो ही अपने दोस्तों को शक्ल दिखाने
लायक बचूंगा !
-आपका एक अंधभक्त।
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. आदरणीय मोदी जी,
बड़े छुपते छुपाते ये पत्र लिखा, सार्वजनिक
ना होजाए। अब तो बाहर क्या घर के बरामदे
में भी खड़े होते शर्म आती है, ऐसा लगता है
हर राह चलती निगाह मुझे खिल्ली भरे
अंदाज में घूरती है, आखिर आपका अंधभक्त हूँ। रात रात भर जाग के आपके पेजों के
प्रयोजित पोस्ट बिना रुके किये,
स्वामी जैसे अमिरीकी दलाल के पोस्ट
चलाये, सिर्फ इसलिए की वो आपके
समर्थन में है। यसोदा जी के मामले में
आपकी हरकत घटिया लगी फिर भी आपको बोद्ध कहा। विरोधियों के
पोस्ट्स में घुस गया, सबकी माँ बहन की,
अपने निजी मित्रों तक से सम्बन्ध
बिगाड़े। आपके कहने पर एंटोनी जैसे नेक
इमानदार लोगों को पाकिस्तान एजेंट
सा प्रचारित किया, मैं तो समझा अब दुश्मन देश तो नक़्शे से ही मिट जायेंगे।
मंदिर पर आपकी शौचालय वाली बात से
दिल मसोस कर पहले ही रह गया, आपने
समझाया 370 ही दुखों की जड़ है,
कैसा कैसा गरियाया था सही बताने
वालों को अब आपने ही उसे सही कह दिया। महंगाई भी सहन कर गया, रेल
किराया वृद्धि को जस्टिफाई किया,
आपने रेल,रक्षा,बीमा सब बेच दिया पर मैंने
उसे विकास ही प्रचारित किया। पर
आपने शरीफ को गले लगाया तो हैरत में रह
गया।आपने साडी की बात को ट्विट कर ख़ुशी जाहिर की तो दिल पर सांप तो बहुत
लौटे, की क्या मैं ही बेवकूफ था ? पर
कभी जग जाहिर नहीं किया। पर अब
तो सहन करना असंभव हो गया। जिस
अमेरिका ने आपको 12 साल दुत्कारा उसके
1 बुलावे पर ही आप "जी साहब आया" अंदाज में तैयार हो गए, मैं
तो आपको स्वाभिमानी शेर समझा था। अब
लोग खिल्ली उड़ाते हैं रोज सैनिक शहीद
होते हैं पर आप तो मोन जैसे निंदा से
भी कतराते हैं, उधर आप चाइना से गले मिले,
इधर चीनी सैनिक देश में घुस गए। अरे आपकी उस दहाड़ को क्या हुआ ? फिर
समझाता हूँ दिल को की इसमे भी कोई राज
होगा। पर विरोधियों को क्या मुहं
दिखाऊ? मै अच्छा फंसा। हालांकि मै समझ
गया की वो बाहें चढ़ा चढ़ा,
वो उंगली दिखा दिखा आपने हम भक्तों को ही नहीं, पुरे देश को खुले आम
कहकर बेवकूफ बनाया है उसमे भी कुछ देश
का भला ही होगा। पर आप अपने भक्त
को कमजोर मत हुआ समझना। आज
भी उम्मीद जिन्दा है की जैसे आपने पूरे देश
को बेवकूफ बनाया वैसे अमेरिका, चाइना, पाकिस्तान सबको उल्लू बना दोगे और
भारत एक दिन जरूर विश्व गुरु होगा। ये
भी जानता हूँ की आप फिर दहाड़ोगे अगले
चुनाव में और सबकी बोलती बंद कर दोगे।
पर मेरी इज्जत के लिए एक बार
नकली ही दहाड़ दो आगले चुनावों से पहले, तो ही अपने दोस्तों को शक्ल दिखाने
लायक बचूंगा !
-आपका एक अंधभक्त।
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